Thursday, 25 July 2013


मुझे काँटों पर प्यार आता है!
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj67WxnW-YLveki7Fy48qijFQ9Ta5S26d5gVeZCUhrvE4PgGKvCB3Il7oKhDO5vH4VwaGqQ9MCn1cuFO1RzAHy3QU7LCH9e2DhG28AQcJg-pEvmqeKpUyvx3XnA6g89MZbmtFjS8yt3pLXF/s200/thorn+in+hand+2.jpgमुझे काँटों पे प्यार आता है
ना खिलने की चिंता
ना मुरझाने का डर
ना टूटने की चिंता
ना बिखरने का डर 
इन्हें अटल रहना आता है 
इसलिए मुझे काँटों पर प्यार आता है!!
ना धूप, ना छाँव का असर 
ना पानी ना हवाओं का असर 
इन्हें हर मौसम भाता है
इसीलिए मुझे काँटों पर प्यार आता है!!
ना कोई रंग ना कोई रूप 
ना ख़ुशी की चाहत ना ग़म से आहत
इन्हें कोई नहीं अपनाता है 
इसीलिए मुझे काँटों पर प्यार आता है
ना श्रद्धा मिलती,ना श्रधांजलि देता 
ना बालों में बाँधा जाता,
ना पैरों से रौंदा जाता 
इन्हें आत्मसम्मान की रक्षा करना खूब आता है 
इसीलिए मुझे काँटों पर प्यार आता है!!